Book Title: Jawahar Vidyapith Bhinasar Swarna Jayanti Smarika
Author(s): Kiranchand Nahta, Uday Nagori, Jankinarayan Shrimali
Publisher: Swarna Jayanti Samaroha Samiti Bhinasar

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Page 212
________________ मंच पर पधारे । सर्वप्रथम मंगलाचरण एवं उसके बाद स्वर्ण जयन्ती गीत विचक्षण महिला मण्डल द्वारा स्था गया। इसके बाद मुख्य अतिथि श्री देवीसिंहजी भाटी विशिष्ट अतिथि डॉ. रामप्रतापजी कार्यक्रम श्री गुमानमलजी चोरड़िया एवं संयोजक श्री रिखबचन्दजी बैद का माल्यार्पण द्वारा स्वागत किया गया। अनन्तर श्रीमद् जवाहराचार्य का परिचय श्री गजेन्द्र सूर्या इन्दौर ने प्रस्तुत किया। संस्था का संक्षिप्त गाथा मंत्री सुमतिलाल वांठिया द्वारा प्रस्तुत किया गया मंत्री प्रतिवेदन की प्रतियाँ दर्शकों में वितरित की सके बाद संयोजकीय वक्तव्य श्रीमान् रिखबचन्दजी जैन ने दिया एवं स्वागताध्यक्ष श्री भंवरलालजी कोठारी ल भारतीय अणुव्रत समिति के अध्यक्ष श्री धर्मचन्दजी चौपड़ा ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य प्रस्तुत किए। नु स्वर्ण जयन्ती स्मारिका लोकार्पण हेतु संस्था मंत्री ने मुख्य अतिथि के सम्मुख प्रस्तुत की। स्मारिका के बाद स्मारिका की प्रथम प्रति मुख्य अतिथि ने संयोजक श्रीमान रिखबचन्दजी जैन को भेंट की एवं र विशिष्ट व्यक्तियों में भी स्मारिका की प्रतियाँ बंटवाई गई। इसके पश्चात् संस्था के संस्थापक सेठ पलालजी वांठिया स्मृति-ग्रंथ लोकार्पण हेतु संस्था अध्यक्ष ने मुख्य अतिथि के सम्मुख प्रस्तुत किया, इसके 7 के सम्पादक श्री उदय नागोरी ने ग्रंथ व सेठ साहब के बारे में संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया तथा बतलाया ग्रंथ संस्था द्वारा इसीलिए प्रकाशित किया जा रहा है कि लोग उनके गौरवपूर्ण जीवन से कुछ प्रेरणा ले दस ग्रंथ के प्रकाशन का समस्त खर्चा उनके परिवार द्वारा देना सहर्ष स्वीकार किया गया। मुख्य अतिथि व के लोकार्पण के बाद इसकी प्रथम प्रति कार्यक्रम अध्यक्ष श्री गुमानमलजी चोरड़िया को भेट का। संस्था की साधारण सभा में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया था कि संस्था अपने दोनों प्रमुख २) स्वगीय सर्व श्री भैरूदानजी सेठिया व चम्पालालजी बांठिया को स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर मरणोपरान्त प्रदूषण की पदवी देकर सम्मानित करेगी। इन दोनों महानभावों ने समाज को जो सेवाएँ दी हैं वे अविरमरणाय समस्या की स्थापना में भी इनकी अहम भूमिका रही है; अतः निर्णय के अनुसार इस अवसर पर मुख्य ने श्रीमान् भैरूंदानजी सेठिया का समाज भषण पदवी सम्मान पत्र उनके परिवार में से किसी के उपस्थित १ क कारण श्री भंवरलालजी बडेर को प्रदान किया तथा स्वर्गीय सेठ श्री चम्पालालजी यांटिया का न पदवी सम्मान-पत्र उनकी धर्मपत्नी श्रीमती तारादेवी बांठिया को प्रदान किया। __ साधारण सभा में हुए सर्व सम्मत निर्णय के अनुसार संयोजक श्री रिखबचन्दजी जैन को समाज-रल की मान पत्र भेंट किया गया। वस्तुतः इनके कारण ही संस्था की यह स्वर्ण जयन्ती सफल हुई है, इन्हान म जयन्ती चन्दे में १,५१,०००/- का प्रभूत सहयोग दिया व स्मारिका में पिछले पृष्ठ का २१०००/• प्रदान किया। इसके अलावा पिछले दो वर्ष में जवाहर किरणावली के सेट पर अतिरिक्त. २: स्ट त दी जा रही है, जिससे किरणावलियों की विक्री में अप्रत्याशित वृद्धि हुई हे एवं जवाहरलालता " का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार सम्भव हो सका। आप श्री ने इस संस्था के अलावा भी जर ।भा मुक्तहस्त से दान दिया है तथा समाज को विपुल सेवाएँ प्रदान की है। पश्चात् साधारण सभा में हए सर्व सम्मत निर्णय के अनुसार स्वागताध्यक्ष स्वर्ण जयन्ती मगर | जाने वाले समाज-रल पदवी सम्मान-पत्र का वादन किया गया, नमः यिाशष्ट सेवाओं को कभी विस्मत नहीं किया जा सकता है। इस संस्था के. . ' सपा के किसी कार्य के लिए आप हर समय तत्पर रहते हैं, ऐ समिट ::: अपना परम कर्तव्य समझती है लेकिन उनके बड़े भाई श्री कन्हेगा . ' न प्रदान किया। इसके देशों का अधिकाधि इसके पश्चात् साधारण को भवतालजी कोठारा को विशिष्ट सेवाआ लगाव है। संस्था के कि ....मत्था अपना प

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