Book Title: Janma Aur Mrutyu Se Pare
Author(s): A C Bhaktivedant
Publisher: Bhaktivedant Book Trust

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Page 58
________________ हम इस संसार के लिए नहीं बने हैं। सभी योगियों ने वैकुण्ठ को स्वीकार किया है। आत्मा की आन्तरिक इच्छा की संतुष्टि के सभी चिह्न जन्म-मृत्यु से परे कृष्ण भगवान् के धर्मों की ओर मार्ग दर्शन कर रहे हैं। समान

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