Book Title: Jambuchariyam
Author(s): Jinvijay, Chandanbalashree
Publisher: Bhadrankar Prakashan
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१३
नमिउं अणाइनिहणे सिद्धिगए अट्ठकंममलमुक्के । सिद्धे सासयनाणे अव्वाबाहं सुहं [ पत्र १, B ] पत्तो ॥ वरकमलसरिसवयणा कमलदलच्छी य चारुकमलकरा । वियसियकमलनिसण्णा सुयमयदेवी नमेऊणं ॥ आयरिय उवज्झाए साहुजणं गुरुजणं च नमिऊणं ।
वि हुए बहुसो अणेयसाहुहिं आगमे भणियं । तहवि य फुडवियडत्थं संखेवेणं अहं भणिमो ॥
यो सोऊण इमं गुणगहणं कुणड़ जड़ वि ते नत्थि । गुणभूसिए वि कव्वे दोसे गिण्हइ खलो चेव ॥
सुयणाण किं न नमिहह जे वि य दोसो वि [ पत्र २, A ] पेच्छहिं गुणोहे । पियजणविरहे जह कोइ पिअयणं पेच्छइ वणं पि ॥
नहु निम्मला वि किरणा रविणो पेच्छेड़ कोसिओ तमसे ।
तह चेव गुणा इह दुज्जणो वि पेच्छेइ विवरीए ॥
विहुवीहामि अहं खलाण एमेव तह वि कुवियाण । तहवि महंतं वसणं नो तीरइ छड्डिउं एयं ॥
अह वा
जो च्चिय एकस्स खलो सो च्चिय अण्णस्स सज्जणो होइ । कह सुयण- दुज्जणाणं पसंस-निंदा अहं करिमो ॥
जेण भणियं
रत्ता पेच्छंति गुणा दोसा पेच्छंति जे विरच्वंति ।
मज्झत्था पुण पुरिसा [ पत्र २, B] दोसे य गुणे य पेच्छंति ॥
ता मझजत्था तुम्हे दोसे परिहरह तहवि
1
गिuse विरले विगुणे सुयणसहावं पि मा मुयह ॥ एत्थ य चारि कहाओ पण्णत्ताओ जिणेहिं सव्वेहिं । अत्थकहा कामकहा धम्मकहा मीसगकहा य ॥ अत्थकहाए अत्यो कामो तह चेव कामुयकहाए । भण्णइ धम्मकहाए चउव्विहो होइ जह धम्मो ॥
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