Book Title: Jainism Author(s): Vallabh Smarak Nidhi Publisher: Vallabh Smarak NidhiPage 97
________________ मैं क्या चाहता हूँ? "होवे कि न होवे, परन्तु मेरा आत्मा यही चाहता है कि साम्पदायिकता दूर हो कर जैन समाज, मात्र श्री महावीर स्वामी के झण्डे के नीचे एकत्रित हो कर श्री महावीर की जय बोले तथा जैन शासन की वृद्धि के लिए एसी एक “जैन विश्वविद्यालय" नामक संस्था स्थापित होवे। जिस से प्रत्येक जैन, शिक्षित हो कर, धर्म को बाधा न पहुँचे, इस प्रकार राज्याधिकार में जैनों की वृद्धि होवे । फलस्वरूप सभी जैन शिक्षित होवें और भूक से पीडित न रहें। शासनदेवता मेरी इन सब भावनाओं को सफल करें, यही चाहना है”। वल्लभसरि Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
1 ... 95 96 97 98