Book Title: Jain Vidya ka Sanskrutik Avadan
Author(s): Ramchandra Dwivedi, Prem Suman Jain
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 205
________________ १०. डॉ. बिहारीलाल जैन, एम० ए०, पी-एच० डी०, साहित्याचार्य सहायक प्रोफेसर, संस्कृत विभाग, उदयपुर विश्वविद्यालय, उदयपुर ११. डॉ० कस्तूरचन्द कासलीवाल, एम० ए०, पी-एच० डी०, शास्त्री निदेशक, साहित्य शोध विभाग, दि० जैन अ० क्षेत्र, महावीरजी महावीर भवन, चौड़ा रास्ता, जयपुर-३ १२. अगरचन्द नाहटा, जैन-सिद्धान्ताचार्य नाहटों की गुवाड़, बीकानेर १३. डॉ० हुकुमचन्द भारिल्ल, एम० ए०, पी-एच० डी० अधिष्ठाता, पं० टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, बापूनगर, जयपुर-४ १४. डॉ. गोकुलचन्द्र जैन, एम० ए० (संस्कृत, प्राकृत), पी-एच० डी०, . साहित्याचार्य, जैन दर्शनाचार्य, न्यायतीर्थ प्राध्यापक, जैन दर्शन, प्राच्य विद्या संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी १५ प्रो० लक्ष्मीचन्द्र जैन, एम० एस-सी० ___ अध्यक्ष, गणित विभाग, शासकीय महाविद्यालय, खंडवा (म० प्र०) १६. प्रो० परमानन्द चोयल, एम० ए० (हिन्दी, चित्रकला) ___ अध्यक्ष, चित्रकला विभाग, उदयपुर विश्वविद्यालय, उदयपुर १७. डॉ. नरेन्द्र भानावत, एम० ए०, पी-एच० डी० प्राध्यापक, हिन्दी विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर १८. डॉ. ब्रजमोहन जावलिया, एम० ए०, पी-एच० डी० - राजस्थान प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान, राजमहल, उदयपुर १६. डॉ० मनोहरलाल दलाल, एम० ए०, पी-एच० डी०, एल-एल० बी० द्वारा डॉ० के० सी० जैन, प्राचीन भारतीय इतिहास व संस्कृति विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन २०. डॉ० विद्याधर जोहरापुरकर, एम० ए०, पी-एच० डी० शासकीय महाकौशल महाविद्यालय, जबलपुर (म०प्र०) २१. श्री बलवन्तसिंह मेहता रैन बसेरा, अस्पताल रोड, उदयपुर

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