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जैनविद्या
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जैनविद्या ( शोष-पत्रिका)
सूचनाएं
॥ 1. पत्रिका सामान्यतः वर्ष में दो बार प्रकाशित होगी।
2. पत्रिका में शोध-खोज, अध्ययन-अनुसंधान सम्बन्धी मौलिक अप्रकाशित
रचनाओं को ही स्थान मिलेगा।
रचनाएँ जिस रूप में प्राप्त होंगी उन्हें प्रायः उसी रूप में प्रकाशित किया जायगा । स्वभावतः तथ्यों की प्रामाणिकता आदि का उत्तरदायित्व रचनाकार का रहेगा।
4. रचनाएं कागज के एक अोर कम से कम 3 से. मी. का हाशिया
छोड़कर सुवाच्य अक्षरों में लिखी अथवा टाइप की हुई होनी चाहिये। 5. रचनाएँ भेजने एवं अन्य सब प्रकार के पत्र-व्यवहार के लिए पता
सम्पादक जनविद्या महावीर भवन सवाई मानसिंह हाइवे जयपुर-302003