Book Title: Jain Universe
Author(s): Pravin K Shah
Publisher: JAINA Education Committee

View full book text
Previous | Next

Page 17
________________ हरिकांता ऐरावत शिखरी Jambu-dvip हमवत सी तो दान दी रूप्यकुजा रुक्मी रम्यक नरकांता नील विदे ह रोहितास्या हिमवन नहापुंडरीक भरत 2 म्लेच्छ म्लेच्छ पुंडरीक निषध हरी महाहिमवन महापद्म] हैमवत किसा (मेरु पर्वत तिमिछा पद्म 3 म्लेच्छ आर्य खंड क्षेत्र पर्वत क्षेत्र सुवर्णकुला पर्वत क्षेत्र पर्वत क्ष भ पर्वत पर्वत क्षेत्र ४ नारी नदी पर्वत क्षेत्र सी ला न दी हेरीत नदी रोहित नदी बैनाढ्य पर्यन

Loading...

Page Navigation
1 ... 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29