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जैन तत्त्व दर्शन
6. शत्रुजय के 15वें उद्धार के समय आदिनाथदादा ने 7 श्वासोश्वास लिए थे। 7. शत्रुजय पर्वत शाश्वत है। 8. शत्रुजय की नवटुंक में 143 मंदिर है। 9. गिरिवर दर्शन विरला पावे, पूर्व संचित कर्म खपावे | 10. फागण सुद तेरस को भाडवा डुंगर की महिमा है। 11. पर्युषण महापर्व में चैत्य परिपाटी एक ही देरासर की करनी चाहिए। 12. नवकार को पुरा गिनने से 500 साल तक के नरक के दुःख नहीं भोगने पड़ते हैं। 13. पुरुष को दायी और स्त्री को बायी तरफ खडे रहकर पूजा करनी चाहिए। 14. उपाश्रय संबंधी दश त्रिक बताई गई है। 15. एक वर्ष में टीवी देखेने से 1211 घंटों का समय बिगडता है।
प्रश्न - 4:- प्रश्नों के उत्तर लिखिए 1. टी.वी के बारे में एक चिंतक ने क्या कहा है ? 2. संसार का पक्षपात कैसे छुट सकता है? 3. अपने भगवान सबसे महान क्यों हैं ? 4. जैन धर्म में बताए हुए सात क्षेत्र कौन कौन से हैं ? 5. दान के पांच प्रकार कौन से हैं ? 6. गुरुभगवंत को वंदन करने से क्या लाभ है ? 7. हमारे गुरु कौन है - संक्षिप्त में बताएँ? 8. कौन से सूत्र में कितनी प्रार्थनाएं बताई गई है ? 9. पूजा करते समय कितनी शुद्धि होनी चाहिए ? 10. कितने प्रकार की त्रिक हमारे शास्त्र में दिखाई गई है ? 11. तीर्थ कितने प्रकार के है, कौन कौन से? 12. नवकार के एक अक्षर के स्मरण से कितने सागरोपम का पाप नष्ट हो जाते हैं ? 13. गिरीराज में बडीटुंक पर कितने प्रतिमाजी बिराजमान है ? 14. नवकार मंत्र की महिमा के कितने दृष्टांत हमारी बुक में दिए गए है? 15. बाह्य तप कितने प्रकार का है ?