Book Title: Jain Stotra Sandohe Part 02
Author(s): Chaturvijay
Publisher: Sarabhai Manilal Nawab
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दाँ
३स.हाँ २घरझाना वि.. ३६सु. ३५सःज्ञान नहारोहि झोषज्ञत्यनाझीवनशृंखलाये झौवजांकुशा झोअपत्ताच एयेनमः
नमः यैनमःकायै नमः ३पहझी घर उही घर पउँझीवि २३ऊंझा एहसास महामानस्यै जयायैनमः जयायेनमःजयंत्यैनम: पुरुषदेताया नमः
नमः
नमः
२२विहारपदी ३३. होमी स्वाही ६हानही मानस्पनमः महावीराय
गोलिदे पराजिता कात्यनमः न देवदत्त वताये नमः
मः
३सउड़ी ध्परउँझारखाउँहीमा २७सुनही ३३सउँझा सप्तायैन बारायनमः हायैनमःजंजायेजना महाकाव्य
ममः
३१हउहाँ ३२रहा इजहा.हौस ऊउझारपन्हाउँही विरोराये मानन्यनमश्चस्विामहाज्या गांधायन गोय्यै नमः
लायनमः
યંત્ર ૪૬ શ્રી સત્તરિય (તિજયપહૃત્ત) સ્તોત્ર યંત્ર ૩
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