Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 02
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 479
________________ [4] मांगलिक स्तवनसंग्रह (दूसरा भाग)- इस पुस्तक में सीमन्धर स्वामी का स्तवन,लघुसाधु वन्दना, महासती चन्दनबाला की ढाल,कीर्तिध्वज राजर्षि की ढाल श्रादि उत्तम ढालों एवं स्तवनों का संग्रह है। मूल्य =) चौबीस जिनस्तवन-विनयचन्दजी के बनाये हुये चौबीस तीर्थकरों के स्तनों का सरस संग्रह / मूल्य - गणधरवाद( पहला भाग )-- इसमें इन्द्रभूति गौतम के प्रश्न और भगवान महावीर के उत्तरों द्वारा आत्मा की सिद्धि की गई है। विशेषावश्यक भाष्य की गाथाएं भी साथ में दी गई हैं / मू० -) / गणधरवाद(दूसरा भाग)इसमें गणधर अग्निभूति एवं भगवान् महावीर के सम्बाद द्वारा ज्ञानावरण,दर्शनावरण आदि कर्मों का अस्तित्व सिद्ध किया गया है। विशेषावश्यक भाष्य की गाथाएं भी साथ में दी गई हैं। मूल्य -); गणघरवाद ( तीसरा भाग )-इसमें, शरीर और जीव एक ही हैं. या भिन्न, इस विषय पर भगवान महावीर और गणधर वायुभूति में सम्वाद हुआ है,वह सरल भाषा में दिया गया है / विशेषावश्यक भाष्य की मूल गाथाएं भी दी गई हैं / मू0 -)| नैतिक और धार्मिक शिक्षा-इसमें नीति और धर्म की तीन सौ से अधिक सुन्दर और उपयोगी शिक्षाएँ संगृहीत हैं / पुस्तक स्त्री और पुरुष सभी के लिए पठनीय है / मूल्य | शिक्षासंग्रह ( पहला भाग )-व्यवहारिक और पारमार्थिक जीवन को सुधारने वाली अत्यन्त आवश्यक और उपयोगी शिक्षाओं का सुन्दर संग्रह है। फिर विशेषता यह है कि भाषा अत्यन्त सरल और सुबोध रक्खी गई है। छोटे छोटे विद्यार्थी भी लाभ उठा सकते हैं और उनके ज्ञानवान् संरक्षक भी। पृष्ठ संख्या 106 / मूल्य =). शिक्षासंग्रह ( दूसरा भाग)- इस भाग में स्वास्थ्यरक्षा, शिष्टाचार, गार्हस्थ्य धर्म और सदाचरण विषयक समस्त आवश्यक बातें, शिक्षा के

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