Book Title: Jain Shwetambar Mandiravali
Author(s): Jain Shwetambar Conference
Publisher: Jain Shwetambar Conference
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कच्छ)
तालुको मुंद्रा
१७५
सिद्धचक्र संख्या .
नोकर सख्या .
प्रतिमा
संख्या. बंधायानी
मूळ नायकजीर्नु नाम.. साल.
मकाननी पादुकासं
बंधी हकीस्थिति.
| कत.
रिमार्क.
| पाषाणनी.
धातुनी. | रत्ननी.
चांदीना. धातुना. यंत्रो.
जिन
2) अन्य धर्मी.
___.
- ८
९
१०१११२/१३/१४/१५/१६
१७
। १८ ।
१९
१८९७ श्री चिंतामण पार्श्व-२३.९३ १५/०१ सारी
नाथजी. १९४६ श्री नेमिनाथजी. |३.३.१
पगलांजे.ड
१९१३/ श्री शांतिनाथजी.
५/१
.|२|
|३
१
|
५००२
पगलां जोड
१८२.
१९५७ श्री अमीझरा पाव
नाथजी. १९३६ श्री शीतलनाथजी १९१८ श्रीसुपार्श्वनाथजी १८९० श्री महावीरस्वामी |७६ ०२
* . .
२२1०1०।
पगलांजोर दादाजीना पगलांछे.
। ऋषभदेवजी
१९४१
| श्रीचिंतामण पावं.3001 |५
| नाथजी. १९५२ श्री ऋषभदेवजा. .' ११:०१
१९०४ श्रीचंद्रप्रभुजी.
१८७८ श्री शांतिनाथजी
|१|१०||
१९२७ श्री शांतिनाथजी
खबर नथी श्री मुनिसुव्रतस्वामी. ६०० ०८९०१
१९४७ श्री अजितनाथजी. १९४८ श्री पार्श्वनाथजी.
१९२७श्री चंद्रप्रभुजी.
६.०९] 3/७/१०
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