Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha 02
Author(s): M A Shastracharya
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 267
________________ 492 कौण्डिन्य 301 गत कोसल 108 | गङ्गण 301 कोळालपुर 154,207,253,277 गङ्गदत्त 277,299 कोब्ळिप्पाक्कैयु 174 गङ्गदासि-सेहि 242 गङ्ग नृप 219,253 काणूर (गण) 209,219,267, | गङ्गापेम्माडि 149,219 277,299 गङ्गपेर्मनाडि 215 गङ्गमण्डल 122, 142 खबर-कन्दर्प-सेनमार 193 | गङ्ग-महादेवि 219,222,253, खर्ण 267,299 खस 204 गङ्ग-मादेवि खारवेल 2 गङ्गमालव 213,277 19 गहरस 253 खेटयाम 96,100 गङ्ग-राज 263,266,269 [खो] दृमि [त्त] गङ्गवळ्ळिय 300 गङ्गवंश 213 गह [प्र] कि [व] गङ्गवाडि (गंगवादि) 127,182, गंगकूट 143 253,264,265,277,284, गंग-नारायण 142 299,301 गंगमनडि 172 गाहेरूर 277,299 गंगमण्डलेश्वर 172 गङ्ग-हेमांडि-देव गंगर-मीम 219 गङ्गैथि 167 गंगराज (कुल) 95 गजसेलेय गंगवाडि (गङ्गवाडि) 219 गण ( उदार) 123 गा 123,182,204 गणधर 248 गा (कुल) 5,138,213,299 गणपति 127 गङ्गकन्दर्प 149 गणिशेखरमरुपोचुरियन् / गङ्ग-कुमृत्-कुमार 299 गण्ड-नारायण-सेहि 284 गा-कुमार गण्डरादित्य 218 क-गाय 142 गण्डरादित्यदेव 250

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