Book Title: Jain Shastro me Ahar Vigyan
Author(s): N L Jain
Publisher: Z_Jaganmohanlal_Pandit_Sadhuwad_Granth_012026.pdf

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Page 11
________________ जैन शास्त्रों में आहार विज्ञान २७७ सारणी ६. विभिन्न ब्रोतों में बाईस अमक्ष्य जीव विचार प्रकरण दौलतराम४२ क्रियाकोष मद्य मक्खन चलित रस मद्य मक्खन किण्वन-पदार्थ घोल बड़ा, वही बड़ा, द्विदल आचार-मुरब्बा आचार-मुरब्बा पंचोदुंबर फल मांस मधु धर्मसंग्रह (अ) किण्वित १. मद्य २. मक्खन ३. चलित रस ४. द्विदल (ब) परिरक्षित : ५. आचार-मुरब्बा (स) स-स्थावर जीवघात ६-१०. पंचोदुंबर फल ११. मांस १२. मधु १३. अनंतकायिक १४. बहुवीजक १५. बैंगन (द) विविध १६. विष १७. वर्फ १८. ओला १९. तुच्छफल २०. अज्ञातफल २१. मृत जाति-लवण २२. रात्रि भोजन पंचोदुंबर फल मांस मधु अनंतकायिक बहुवीजक बैंगन कंदमूल बहुवीजक बैंगन विष विष वर्क ओला अज्ञातफल ओला तुच्छफल अज्ञातफल कच्चे लवण रात्रि भोजन कच्ची माटी रात्रि भोजन निर्देश १. स्वामी सत्यभक्त; संगम, मई १९८७ । २. शास्त्री, कैलाशचंद्र, पं०; सागार धर्मामृत ( सं० ), भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली, १९८, पेज ४० । ३. आचार्य, कुंद कुंद; अष्पाहड़, दि. जैन संस्थान, महावीरजी, १९६७, पेज ६९-७७ । ४. आचार्य, उमास्वामी; तत्वार्थ सूत्र, वर्णी ग्रन्थमाला, काशी, १९४९ पेज ३३७-५८ । ५. आचार्य, समन्तभद्र; रत्नकरंडश्रावकाचार, ए० एल० जैन ट्रस्ट, भेलसा, १९५१ । ६. जैन, डॉ० सागरमल; श्रावकधर्म की प्रासंगिकता का प्रश्न, पार्श्वनाथ विद्याश्रम, १९८३, पेज ७ । ७. जैन, डॉ० नेमीचंद्र ( सं०); तीर्थकर, जनवरी, १९८७ । ८. भट्ट, अकलंक; तत्वार्थ राजवातिक-२, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९५७, पेज ५-७६ । ९. वही; तत्वार्थ राजवार्तिक-१, वही, १९५३, पेज १४० । उत्तराध्ययन, सन्मति ज्ञानपीठ. आगरा, १९७२, पेज १७ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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