Book Title: Jain Sahitya aur Itihas
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Hindi Granthratna Karyalaya

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Page 608
________________ ५८० जैनसाहित्य और इतिहास ओसाबुदगिरि २२९, ३० कमलसागर २६८ ओंकारेश्वर २०६ कमलिनी १२३ औदार्य-चिन्तामणि ४०९ करकण्डुचरिउ ३७३, ५३३, ५४३ औरंगाबाद २३८ करहिडा २३८ औशनस ८१ कर्क ७६, ३१५, ३२०, ३२४ औह ५४२ कर्कराज ४२७ कचनेर १९८ कर्णकुब्ज ७७ कट्टगा ३९९ कर्णसुन्दरी नाटिका १४० कट्टगेरि ३९९, ४०० कणाटक १४३ कट्टाहरु ८७ कर्दम ८८ कण्ठ ७१ कर्नाटक ( करनाटक ) २२८, २३१ कण्ह ३३२ कर्पूरमंजरी ७७, ४७४ कण्हराय ३२१, ३२६ कर्मदहन विधान ५३३ कणाद ३२५ कर्मप्रकृति भट्टारक ४५४ कथाकोश २६, ४२१, ४२३, ४२८, कलचुरि १८० कलश १४० कथामकरंद ३०२ कलाप ५३२ कदम्ब ४१, ११९, १६१, २५० कलाणुराअ ३८५ कनकीर्ति १९८, २१२, २२० कलिकुंड पार्श्वनाथ २३८ कनकगिरि २३३-४ कलिंग ८६, २१३ कनकनन्दि २९६, २९८ कलिंगारण्य २०८ कल्कि कनकप्रभ ९९ ८, १९, २०, २१ कनकसेन २०४, २३३, ४०५, ! कल्प ( बृहत् ) ४८ ४१३, ४१४ कल्पव्यवहार ५९ कनकामर ३७३ कल्पसूत्र ८, ९३, १६२, १८९, २४१ कन्धारपुर ३२२ कल्पसूत्रस्थविरावली १५ कन्हड ३३२ कल्याण ४१, २२९, २३०, ३९९ कपिल ३२५ कल्याणकारक १२२, २१२ कमलभद्र ४५४ कल्याणी २३० कमलश्री १४१, ४१६ कविचन्द्र ४८९

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