Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Author(s): Gulabchandra Chaudhary
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 717
________________ ७ . ४ जैन साहित्य का वृहद् इतिहास मणिधारी जिनचन्द्रसूरि अष्टम शताब्दी स्मृतिग्रन्थ, दिल्ली, १९७१. मध्यभारती पत्रिका. मरुधर केशरी अभिनन्दन ग्रन्थ, जोधपुर, वि० सं० २०२५. महामात्य वस्तुपाल का साहित्यमण्डल और संस्कृत साहित्य में उसकी देन : डा० भोगीलाल सांडेसरा, वाराणसी, १९५९. महावग्ग. महावीर जैन विद्यालय सुवर्ण महोत्सव ग्रन्थ, खण्ड १-२, बम्बई, १९६८. मूलाराधना-टीका. यतीन्द्रसूरि अभिनन्दन ग्रन्थ, खुडाला (राज.), वि० सं० २०१५. यशस्तिलक एण्ड इण्डियन कल्चर : के० के० हांदिकी, सोलापुर, १९४९. यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन : डा. गोकुल चन्द्र जैन, वाराणसी, १९६७. रसगंगाधर : पं. जगन्नाथ, बम्बई, १९३९. राजपूताना म्यूजियम रिपोर्ट, १९२७. राजस्थान के जैन शास्त्रभण्डारों की सूची, भाग २, जयपुर, १९५४. राजस्थान के जैन सन्त : व्यक्तित्व एवं कृतित्व : डा० कस्तूरचन्द कासलीवाल, जयपुर, १९६१. राजस्थान भारती. राजेन्द्रसूरि स्मृतिग्रन्थ, खुडाला, १९५७. लाइफ ऑफ हेमचन्द्र : जॉर्ज बुहलर, कलकत्ता, १९३१. वर्णी अभिनन्दन ग्रन्थ. वाग्भटालंकार : वाग्भट. विकास. विक्रम वॉल्यूम, उज्जैन, १९४६. विक्रम्स एडवेंचर्स : एफ० हारवर्ड, १९२६. विजयवल्लभसूरि स्मारक ग्रन्थ, बम्बई, १९५६. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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