Book Title: Jain Ratnakar
Author(s): Keshrichand J Sethia
Publisher: Keshrichand J Sethia
View full book text
________________
-
Fee ! "
१॥
भजन-भास्कर
=
संग्रह करने योग्य सर्वोत्तम पुतकें। नित्य नियमावली
नन्दन मणियाराको व्याख्यान वैराग्य-स्तुति
आषाढ मुनि वैराग्य-रत्नावली
मोहजीत जैन भजनावलो
mu आषाढ भूत जैनस्तुति
थावरच्या पुत्र भजन-रत्नाकर
बड़ो चौवीसी
वड़ी साधु वन्दना गुण रत्नमाला
१ वावीस परिषह वैराग्य-मञ्जरी
आदिनाथ स्तोत्र सुदर्शन-चरित्र (सचित्र) ३) समाज दुर्दशा नाटक सुदर्शन सेठ को व्याख्यान ॥ धूर्ताख्यान अझना और मैणरया ॥ साहित्य प्रभाकर तिलोक सुन्दरी को व्याख्यान । (द्वितीय सस्करण) श्रीकृष्ण वलभद्र की चौपाई ॥ जैन भजन प्रकाश उदाई राजा
वीराजना वीरा खधक मुनि ( सचित्र)
दौलत विलास आराधना
फैशन बत्तीसी दाडिमिया सेठ को व्याख्यान भकामर स्तोत्र कल्याण मन्दिर स्तोत्र
सत्संग मञ्जुषा चतुरविचार
श्रावक प्रतिक्रमण जम्बूकुंवर को चोढालियो ajni जिन आज्ञा को चोढालियो तुलसी सुधा
अनुपूर्वी तुलसी मन्त्र माला
गणधर गुगावली पचीस बोल
नित्य स्वाध्याय चौवीसी (दौलतराज रचित) । जम्बूकुंवर को व्याख्यान (सचित्र)२॥
ee
- - W
D
१८)
%
ओसवाल प्रेस-१८६, क्रोस स्ट्रीट, कलकत्ता।

Page Navigation
1 ... 133 134 135 136 137