Book Title: Jain Hiteshi 1913 Ank 02
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 84
________________ अध्यापकोंकी आवश्यकता । ( १ ) तिलोकचन्द जैन हाईस्कूल इन्दौरके लिए एक ऐसे अनुभवी जैन अध्यापककी आवश्यकता है जो गोमट्टसार, राजवार्तिक सर्वार्थसिद्धि पंचाध्यायी सागारधर्मामृत आदि प्राकृत, संस्कृत, धार्मिक ग्रन्थोंका अच्छा ज्ञाता हो तथा जिसने किसी पाठशाला में अध्यापकी करनेका अनुभव प्राप्त किया हो । जो सरल हिन्दी भाषा में व्याख्यान देकर तत्त्वज्ञानका रहस्य विद्यार्थियों के हृदयमें प्रविष्ट करा सकता हो । जिसके उच्चारण व लेख भी शुद्ध हों। इसके साथ २ उन्हें अन्यधर्मों तथा पाश्चात्य तत्त्वज्ञानका भी बोध होना चाहिये । भेट योग्यतानुसार रु० १०) से रु० ६०) मासिक तक दी जावेगी । और प्रतिवर्ष ५) रु० की वृद्धि से १००) तक हो सकेगी. I ( २ ) तिलोकचंद जैन हाईस्कूल इन्दौर के लिए एक ऐसे जैन विद्वान्की भी आवश्यकता है जो किंडर गार्टन व प्रारंकिभ श्रेणियोंके छात्रोंको दिगम्बर जैन धर्मके कर्म सिद्धान्त तथा क्रियाओंका व्यावहारिक ज्ञान करा सकते हों, जो सरल शुद्ध हिन्दी में दृष्टान्तों द्वारा विद्यार्थियों के हृदय में धर्मका बीजारोपण कर सकते हों, जिनका लेख व उच्चारण शुद्ध तथा व्यवहार भी छात्रोंके लिए प्रभावोत्पादक हो । भेट योग्यतानुसार रु. २५) से रु. ३५) मासिक तक दी जावेगी, और वार्षिक ५) रु० वृद्धि से ६०) रु. तक बढ़ सकेगी । Jain Education International बुधमल पाटणी मंत्री — तिळोकचंद जैन हाईस्कूल इन्दौर. For Personal & Private Use Only "www.jainelibrary.org

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