Book Title: Jain Dharm Ki Kahaniya Part 14 Author(s): Rameshchandra Jain Publisher: Akhil Bharatiya Jain Yuva Federation View full book textPage 1
________________ नूरि गर जैनधर्म की कहानियाँ भाग-१४ राजा श्री कंठ अपने पूर्वभव के भाई को नंदीश्वर द्वीप की वंदना करने जाता हुआ देखकर स्वयं भी अति उत्साह से वंदना करने हेतु अपने परिवार एवं इष्टमित्रों के साथ चल पड़ते हैं। परन्तु मानषोत्तर पर्वत के उस पार ना जा पाने के कारण बोध को प्राप्त हो वन में जाकर मुनिदीक्षा अंगीकार कर लेते हैं। प्रकाशक अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन, खैरागढ़ श्री कहान स्मृति प्रकाशन, सोनगढ़Page Navigation
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