Book Title: Jain Darshan Ke Pariprekshya Me Aadipuran
Author(s): Supriya Sadhvi
Publisher: Bharatiya Vidya Prakashan

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Page 389
________________ जैन दर्शन के परिप्रेक्ष्य में आदिपुराण 348 प्रज्ञापना सूत्र, युवाचार्य श्री मिश्रीमल जी म. श्री आगम प्रकाशन समिति, व्यावर (राज.) सन् 1983 पौराणिक रहस्यों का समीक्षात्मक अनुशीलन, सं. डा. रमेश मिश्र, कृष्णदास अकादमी, वाराणसी, सन् 1984 प्रवचनसार, आचार्य कुन्दकुन्द श्री मनोहर जी वर्णी, खेमचन्द जैन शर्राफ, मेरठ सन् 1979 प्रशस्तपादभाष्य, सं. श्री नारायणमिश्र, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी, सन् 1966 वाल्मीकि रामायण, सं. नारायण स्वामी, लंदन, गीता प्रेस, गोरखपुर, 1960 ब्रह्मसूत्र, शाङ्करभाष्य, सं. सत्यानन्द सरस्वती, गोबिन्दमठ, टेढ़ीनीम, वाराणसी, सं. 2040 ब्रह्माण्ड पुराण, खेमराज श्रीकृष्णदास, बम्बई, 1906 (महाराष्ट्र) बृहद्नयचक्र, माइल्लधवल, सं. कैलाशचन्द्र शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी, 1971 भगवती आराधना, खुशराम दोशी, शोलापुर, प्र. सं. ई. 1935 ( मध्य प्रदेश ) भारतीय दर्शन, डॉ. वाचस्पति गैरोला, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, सन् 1966 भारतीय दर्शन, बलदेव उपाध्याय, हिन्दू विश्वविद्यालय, काशी। भारतीय साहित्य में जैन धर्म का योगदान, हीरा लाल जैन, मध्यप्रदेश शासन साहित्य परिषद्, भोपाल, 1962 (मध्य प्रदेश) भागवत् पुराण, महर्षि वेदव्यास, गीता प्रेस, गोरखपुर, सं. 2021 मनुस्मृति, चौखम्बा संस्कृत सीरिज, वाराणसी, वि.सं. 2027 महाभारत, व्यास, गीता प्रेस, गोरखपुर, वि.सं. 2014 मत्स्य पुराण, सं. राम प्रताप त्रिपाठी, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, वि.सं. 2003 मूलाचार, अनन्त कीर्ति ग्रन्थमाला, प्र. सं., वि.सं. 1976 मोक्ष पाहुड़, माणिक चन्द्र ग्रन्थमाला, बम्बई, प्र. सं., वि.सं. 1977 (महाराष्ट्र) योगसार प्राभृत, श्रीमद् अमितगति-नि:संगयोगिराज, सं. श्री जुगलकिशोर मुख्तार, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दुर्गाकुण्ड मार्ग, वाराणसी, वी.नि.सं. 2495

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