Book Title: Jain Center Cincinnati OH 1987 Directory
Author(s): Ila D Punater
Publisher: USA Jain Center Cincinnati OH

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Page 34
________________ GURU VANDANA TIKHUTTO AYAHIŅAM PAYAHINAM KAREMI VANDAMI ŅAMAŃSAMI SAKKĀREMI SAMMĀŅEMI KALLĀŅAM MANGALAM DEVIYAM CHAYIYAM PAJJWĀSĀMI MATHEN VANDAMI Three times By right side Make a round I do I worship I bow I respect I honor You are divine You are a remover of obstacles You are like a god You are ocean of knowledge I serve you I bow my head to your feet श्री महावीर कीर्तन जय महावीर जय महावीर, विधाला नन्दन श्री महावीर । कुण्डलपुर के श्री महावीर, शासन नायक गुण गम्भीर सब के प्यारे श्री महावीर जग उजियारे श्री महावीर म.प्ट हरेय। श्री महावीर 'कृपा निधाना श्री महावीर तुम स्वामी दीना के धीर -जन की हरते हो तुम पीर यब तो आन बंधाओ धीर यायागमन मिटाओ वीर पाप निकंदन जय महावीर भव दःख भंजन जय महावीर सब गिल बोलो जय महावीर जय महावीर, जय महावीर भी आदेपर कीर्तन ॐ आदेपर अरिहंतनम् आदेपर अरिहंराग ऊँ आदम्पर अगिरानम् दिवस उगे प्रभुनाम स्मर दिनभर मिना काम कर आदेश्वर अरिहंतनम् ॐ. दिवस विते प्रध्यानधर प्रमचरणेनीन शीशधर अदिष्पर अरिएंगनम ॐ.. कर्मफरीकलने त्याग दिव्य जीयननो अंशबन् आयेपर अरिहंत मम्.ॐ.. आजीवनना अफज ध्येय आत्मस्वरुपी अरिएंबन् आदेपर -अरिएंश नम् ॐ आदेश्वर अरिहंतमम् 34 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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