Book Title: Ishtopadesha
Author(s): Devnandi Maharaj, Shitalprasad, Champat Rai Jain
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal

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Page 122
________________ (१६) सभाष्यतत्त्वार्थाधिगमसूत्र (मोक्षशास्त्र) श्री उमास्वातिकृत मूलसूत्र और स्वोपज्ञ भाष्य तथा पं० खूबचन्दजी सिद्धान्तशास्त्रीकृत विस्तृत भाषाटीका । तत्त्वोंका हृदयग्राह्य गम्भीर विश्लेषण । द्वितीयावृत्ति । मूल्य-छः रुपये। (१७) सप्तभंगीतरंगिणी श्री विमलदासकृत मूल और पंडित ठाकुरप्रसादजी शर्मा कृत भाषाटीका । न्यायका महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ तृतीयावृत्ति । मूल्य-छः रुपये। (१८) समयसार आचार्य श्री कुन्दकुन्दाचार्य विरचित महान् अध्यात्म ग्रन्थ । आत्मख्याति, तात्पर्यवृत्ति, आत्मख्यातिभाषावचनिका-इन तीन टीकाओं सहित तथा पं० पन्नालालजी साहित्याचार्य द्वारा सम्पादित । तृतीयावृत्ति । मूल्य-बत्तीस रुपये। (१९) इष्टोपदेश मात्र अंग्रेजी टीका व पद्यानुवाद । मुल्य-पचहत्तर पैसे। (२०) परमात्म प्रकाश मात्र अंग्रेजी प्रस्तावना व मूल गाथाएँ । मूल्य-दो रुपये। (२१) योगसार मुल गाथाएँ व हिन्दी सार। मूल्य-पचहत्तर पैसे। (२२) कार्तिकेयानुप्रेक्षा मूल्य गाथाएँ और अंग्रेजी प्रस्तावना । मूल्य-दो रुपये पचास पैसे। (२३) प्रवचनसार अंग्रेजी प्रस्तावना, प्राकृत मल, अंग्रेजी अनुवाद तथा पाठांतर सहित । मूल्य-पांच रुपये। (२४) अष्टप्राभृत श्री कुन्दकुन्दाचार्य विरचित मूल गाथाओंपर श्री रावजीभाई देसा द्वारा गुजराती गद्य पद्यात्मक भाषान्तर। मूल्य-दो रुपये। (२५) मोक्षमाला (भावनाबोध सहित) श्रीमद् राजचन्द्रकृत मूल गुजराती ग्रन्थका श्री हंसराजजीकृत हिन्दी अनुवाद । इसमें जैन धर्मको यथार्थ समझानेका प्रयास किया गया है। भाषाशैली बहुत सुन्दर और सरल है। इसमें १०८ शिक्षापाठ हैं। साथमें भावनाबोधमें बारह भावनाओंका सुन्दर दृष्टान्तसहित वर्णन है । तृतीयावृत्ति मूल्य-छः रुपये। (२६) क्रियाकोष कवि किशनसिंह विरचित श्रावककी श्रेपन क्रियाओंका सविस्तर वर्णन करनेवाली पद्यमय रचना । श्री पन्नालालजी साहित्याचार्यकृत हिन्दी अनुवाद सहित । मुल्य-छब्बीस रुपये। अधिक मूल्यके ग्रन्थ मँगानेवालोंको कमीशन दिया जायेगा । इसके लिये वे हमसे पत्र व्यवहार करें। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |

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