Book Title: Haimnutan Laghu Prakriya
Author(s): Vijaychandrodaysuri, Chandrashekhar Jha
Publisher: Nemchand Melapchand Zaveri Jain Vadi Upashray Trust

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Page 683
________________ - १६७ धातु पद पृष्ठ वसिक आत्मने . १४८ शासूक् परस्मै १४० वहीं उभयः १२६ सासूक् आत्मने ११९ संक परस्मै १३.२ शिष्लंप __परस्मै १८२ विज्ञपी उमष १६१ सीक आत्मने ओ विजैति अात्मने । १८० शुद . पसमै ९७ विदा पस्मै । १४२ शुबंध विलंती उभय १७६. मंच--- ५० - १६४ विशंम् परस्मै सबूल आत्मने ११२ विष्लंकी उभय परस्मै को श्रमूच प० कृगद जाय १७२ आत्मने उभय आ० ११२ विपंच परस्मै श्वसक् प० व्यधंचू परस्मै टु ओ श्वि प० १३० व्येग उभय १२८ उभय १८४ पिंचीत् उ० ओ चौत् प० १८८ षिवूच परस्मै १६३ शक्लंट् प० १७३ उभय १७० शपी उभय १२४ परस्मै १३४ शमूच परस्मै १६७ पूडौक आत्मने १४७ शानि आत्मने २०८ ' वृद्धा० ११७ १३२ १६३ १७६ कुंक्

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