Book Title: Gurugunmala Yane Gurugun Chattrisi Tatha Samaysara Prakaran
Author(s): Karpurvijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 87
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री आत्मानन्द प्रकाश. जैन कोममा अति फेलावा साथे प्रख्याति पामैलं आ मासिक आ सभा तरफथी सोल वर्ष थया प्रतिमासे प्रगट करवामां आवे छे. तेमां आवता धार्मिक, व्यवहारिक, अने नैतिक संबंधी उत्तम लेखोथी आपणी कोममां नोकळता मासि कोमा ते प्रथम पंक्ति धरावे छे. दर वर्षे तेना ग्राहकोने वांचभननो बहोळो लाभ आपवा साथे वर्ष पूर्ण थतां पहेला नवीन द्रव्यानुयोग वगेरेना विषयथी भरपूर एक उत्तम ग्रंथ सुंदर बाइन्डीगथी अलंकृत करी दर वर्षे भेट आपवामां आवे छे. एकज पद्धतिए आवी भेटनो लाभ पण आ मासिकज आपे छे. गुरुभक्ति, निमित्ते नीकळता आ मासिकनी लघुवय छतां ग्राहकोनी बहोळी संख्या तेज तेनी उत्तमतानो पुरायो छे. तेनु कद केटलाक वखतथी मोटुं करवामां आव्युं छे, छतां वार्षिक मूल्य रु. 1-0-0 पोस्टेज चार र आना राखवामां आवेल छे. तेना प्रमाणमा लाभ विशेष छे. नफो ज्ञानखातामां वपराय छे. जेथी दरेक जैन बंधुओए तेना ग्राहक थइ अवश्य लाभ लेवा चुकवू नहि. For Private and Personal Use Only

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