Book Title: Granth Pariksha Part 03
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Jain Granth Ratnakar Karyalay

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Page 283
________________ पढ़ने, योग्य धन्य । त्रैवर्णिकाचारेमा सोमन पचाललंबी सोनहत हिन्दी आपटीकासहित जिसकी यह परीक्षा है। नंe 10 - परीक्षा-प्रथम द्वितीय, मांग, प्रभाग के 'उमास्वामिभाषकांचार, इन्द + 5) है। दूसरे भागमे चार विस्तृत समस्येचना है। प्रचारार्थ इन एखा है, 'दोनों भागोंमें सवा सौ. वना सौ (--) : द्वितीय भागका । है'। जैनाचा शासनद कराकर Dictate -नेपा सन्न अधक्त है। कादर्शन है। M भाग विभाग पाण ०१) जैन-न्याका कार्यालय, पी०ई। DELEIAVEIEN JAISISTEN

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