Book Title: Gautamswami Ras Parichayatmaka Bhumika
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 10
________________ ८. 'गौतमरास' गत -कठिन-शब्दकोश गाथा शब्द अर्थ १. माइबीउ मातृका-बीज-हींकार सिरिवत्र 'श्री' वर्ण सहुत्त सहित-सहउक्त जन्न यज्ञ ६. पण पण पांच पांच सङ्घतितिसय० साडा त्रण-त्रण सो० तिहुं तिहुं त्रण-त्रण नियविज्जविकासू निज-विद्या-विकास ७. केवल केवलज्ञान पुढविं गरुया पृथ्वीमां वडा, गौरववाळा, आगम आगमन देव विमाणी वैमानिक देव विसथारो विस्तार समवसरण तीर्थकरनी धर्मसभा सालो शाल-कोट किकिल्लि अशोक वृक्ष किरि किल-खरे (अव्यय) पामुक्खो प्रमुख-वगेरे तत्तु २१. दिठिवाउ दृष्टिवाद-द्वादशांगीरू प जैन आगम वास चंदनादि द्रव्यो, चूर्ण २४. पोरिसि पौरुषी-जैनप्रसिद्ध पुरषप्रमाण छाया प्राप्त कालविशेष पयठाणी पादपीठ पर २५. संखातीत संख्यातीत-असंख्य भवंतर भवांतरो - पूर्वभवो तत्त्व २२. [65] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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