Book Title: Gangeyabhanga Prakaran Sastabak Name Krutina Karta Vishe Uhapoh
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: ZZ_Anusandhan

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ ति गजीयाण विगप्पा दु गुणे गहिया च उपहजीवाणं / ते पुण दुगुणे गहिया पंचजियाणं मुणे यव्वा / / 24 एवं कमेण सव्वत्थ अह भंगा सव्व जीयरासीणं / एगे गहिया किज्जइ संखामाणं विभत्ताओ // 25 सग पढमपुढविभंगा अठ्ठ गुणा ते वि जीवपविभत्ता / अट्ठावीसं भंगा दुगजीवाणं विआणाहि // 26 ते वि अ नवगुणिआओ एवं इक्किक्किरूववुड्ढीए / जीवपमाणविभत्ता संखा (वि) बुहे हिं नायव्वा / / 27 पुत्व सूरी हिं नट्ठु -द्दि ठपत्थारभासिओ ने ओ / वित्थरओ पुण सुत्ता नायव्वो सुहमदिट्ठीहिं / / 28 गंगे ओ अह सुच्चा भयवं वीराओ भंगजालमिणं / भयवं - उवरिं जाओ सम्वन्नू पच्चओ तस्स / / 29 वं दइ नमसइ अह आयर --बहु माण- भत्तिपुव्वं च / गंगे ओ संजाओ सामिओ गुत्तो विसे से णं / / 30 चउजामाओ धम्मा पडिवज्जइ पंचजामधम्म च / नाण-किरियाहिं जुत्तो विहरइ निच्चं गुरुसगासे // 31 जस्साए कीरइ सुनग्गभावो य मुंडभावो अ / आराहिओ तभट्ठो सिद्धो परिनिव्वुडो बुद्धो // 32 धन्नो सो गंगे ओ जेणेवं वीर-जगगुरू पुट्ठो / धन्ना ते च्चिय पुरिसा दिह्रो पहु वागरं तस्स / / 33 धन्ना चिय मह जीहा तिलोकनाहो हु वीरपहु थुणिओ / धन्ना गुरूण बुद्धि अत्थो जेणेस परिकहिओ // 38 सिरिनयविजयगुरूणं सीसो नामेण सुजसविजओत्ति / ते ण पगरण रइयं मणमक्कड वस्समाणे उं // 35 [57] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6