________________ गजसु० चरित्रम् // 10 // आ ग्रंथ श्री जामनगर निवासी पंडित श्रावक हीरालाल हंसराजे स्वपरना श्रेयमाटे श्री शुभशीलगणीजीए रचेला कथाकोषमाथी उद्धरीने तेनी मूलभाषामां बनता प्रयासे सुधारो वधारो करीने पोताना श्री जैनभास्करोदय छापखानामा छापी प्रसिद्ध कयों छे. // समाप्तोऽयं ग्रंथो गुरुश्रीमच्चारित्रविजय सुप्रसादात् // श्रीरस्तु // CBSE HEALTAISTA HIAS X -52C. आ ग्रंथना प्रसिद्ध करनारे ग्रंथ प्रसिद्ध करवाना तथा छापवाना दरेक हक पोताना स्वाधीनमा राख्या छे.