Book Title: Eso Panch Namukkaoro
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 171
________________ परिशिष्ट : १५१ मान-विजय हृदयकमले माननिवारणार्थं चतुर्ज्ञानेन चतुःशरणपूर्वकं परमपदध्यानम् । नाणेण चत्तारि सरण ण पबन्नामि मानवाल मानवारणत्यं चरा । अपच्चरकाणि अणंतापुबंधि रणं पवन्जामि पच्चकवाणि संजलण मानवारण _In अणताणुषाल अपंताणुबंधि Jabeetan अनाणेण चत्तारि सरण णमो अपञ्चमवाणि अपच्चक अरिहंताण पच्चमवाणि नाणेण पत्तारि सरणं संजलण Bapu In मानवारणत्थं चो संजलण भरणं पवज्जामि पच्चकवाणि अपच्चरवाणि अणंताणुबंधि I nden Lachinese - (पंचपरमेष्ठी मंत्रराज ग्रन्थ से साभार) Jain Education International tional For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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