Book Title: Eso Panch Namukkaoro
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 170
________________ १५० : एसो पंच णमोक्कारो क्रोध-विजय नाभिकमले क्रोधनिवारणार्थं चतुर्ज्ञानेन चतुःशरणपूर्वकं परमपदध्यानम् । नाणेण चत्तारि सर सारण पवज्जामि कोहवागत्य च अपच्चरवाणि पच्चरवाणि मरणं पवग्जामि अणंताणुबंधि का संजलण । काहवारणत्या मजताणुबंधित __ अणंताणुबधि सणिण चत्तारि सरण Jounseenah अपच्चरवाणि सजलण णमो अरिहंताणं स्विकारवाधिक पच्चक्रवाणि नाणेण चत्तानि सरण Jallesthane MIND संजलण कोहवारणत्यं पाना सरणं पवज्जामि संजलण Bishunk पञ्चकवाणि अपच्चरवाणि अणंताणुबंधि Inden HALAa LAPAN sir (पंचपरमेष्ठी मंत्रराज ग्रंथ से साभार) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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