Book Title: Ek Bhagyavan Vyapari arthat Hargovinddas Ramji Shah
Author(s): Shankarrav Karandikar
Publisher: Bharatiya Vidyabhavan

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Page 46
________________ लक्ष्मीग्रन्थ हिन्दी भाषा में पहिला alcobito हिन्दी-भाग ねた हिन्दी भाषा में इस प्रकार की यह पहिली ही सामुद्रिक / -पुस्तक है। अपने हाथ में कौनसी भाग्यरेखा है, इसकी जानकारी इस किताब से होगी। यह पुस्तक सामुद्रिक V शास्त्रपर होते हुए भी, किसी भी उपन्यास से कम मनोरंजक और ज्ञानप्रद नहीं है। अपनी किस्मत का फैसला इस पुस्तक से कर सकते हैं। सारी सृष्टि का भाग्य शनिग्रह के आधीन है। प्रत्येक कर्म और प्रत्येक आदमी का कर्म, शनि देवने निश्चित किया है। यदि शनिदेव अनुकूल हों तो निश्चित भाग्य अपने अनुकूल होगा। भारत के बड़े बड़े धनवानों के हस्तचित्र इस पुस्तक में दिये हैं। पृष्ठ संख्या 500 / बढिया छपाई / मूल्य 10 // रुपये / डाक खर्च अलग। प्राप्तिस्थलः–सामुद्रिकभूषण शंकरराव करंदीकर 211 चर्नि रोड (ब्राह्मण सभा के पास) गिरगांव, बम्बई नं.४ प्रकाशक:-शंकर दिनकर करंदीकर 211 चनिरोड गिरगांव (3 रा मजला) मुंबई 4 मुद्रकः-जयराम दिपाजी देसाई, 'राष्ट्रवैभव प्रेस गिरगांव मुंबई 4 Suratiwww.umaragyanbhandar.com

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