Book Title: Dighnikayo Part 4
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 7
________________ २४० १८६ २०८ २५६ चतुत्थज्झानकथा १७७ विपस्सनाजाणकथा १७८ मनोमयिद्धिप्राणकथा १७९ इद्धिविधजाणादिकथा १८० आसवक्खयाणकथा १८१ अजातसत्तुउपासकत्तपटिवेदनाकथा १८३ सरणगमनकथा ३. अम्बट्ठसुत्तवण्णना १९४ अद्धानगमनवण्णना १९४ पोक्खरसातिवत्थुवण्णना १९७ अम्बट्ठमाणवकथा २०० पठमइब्भवादवण्णना २०५ दुतियइब्भवादवण्णना २०७ ततियइब्भवादवण्णना दासिपुत्तवादवण्णना २०८ अम्बट्ठवंसकथा खत्तियसेट्ठभाववण्णना २१५ विज्जाचरणकथावण्णना चतुअपायमुखकथावण्णना २१७ पुब्बकइसिभावानुयोगवण्णना २२० द्वेलक्खणदस्सनवण्णना २२२ पोक्खरसातिबुद्धपसङ्कमनवण्णना २२३ पोक्खरसातिउपासकत्तपटिवेदनावण्णना२२४ ४. सोणदण्डसुत्तवण्णना २२५ सोणदण्डगुणकथा २२६ बुद्धगुणकथा सोणदण्डपरिवितक्कवण्णना २३३ ब्राह्मणपञत्तिवण्णना २३३ सीलपञआकथावण्णना २३४ सोणदण्डउपासकत्तपटिवेदनाकथा ५. कूटदन्तसुत्तवण्णना २३७ चतुपरिक्खारवण्णना २३९ अट्ठपरिक्खारवण्णना चतुपरिक्खारादिवण्णना २४१ निच्चदानअनुकुलयञवण्णना २४३ कूटदन्तउपासकत्तपटिवेदनावण्णना २४८ ६. महालिसुत्तवण्णना २४९ ब्राह्मणदूतवत्युवण्णना २४९ ओट्ठद्धलिच्छवीवत्थुवण्णना २४९ चतुअरियफलवण्णना २५२ अरियअट्ठङ्गिकमग्गवण्णना २५२ द्वे पब्बजितवत्थुवण्णना २५४ ७. जालियसुत्तवण्णना २५६ द्वे पब्बजितवत्थुवण्णना ८. महासीहनादसुत्तवण्णना २५९ अचेलकस्सपवत्थुवण्णना २५९ समनुयुञ्जापनकथावण्णना २६२ अरियअट्ठङ्गिकमग्गवण्णना २६३ तपोपक्कमकथावण्णना २६३ तपोपक्कमनिरत्थकतावण्णना २६६ सीलसमाधिपसम्पदावण्णना २६६ सीहनादकथावण्णना २६७ तिथियपरिवासकथावण्णना २६९ ९. पोट्टपादसुत्तवण्णना २७१ पोट्ठपादपरिब्बाजकवत्थुवण्णना २७१ अभिसानिरोधकथावण्णना २७४ अहेतुकसझुप्पादनिरोधकथावण्णना २७५ सञ्जाअत्तकथावण्णना २७९ चित्तहत्थिसारिपुत्तपोठ्ठपादवत्थुवण्णना २८१ २१६ २२८ २३६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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