Book Title: Dhyan ka Vigyan
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 123
________________ लागत से भी कम मूल्य पर यष्ट साहित्य लक्ष्य पुरुषार्थ जमा वा तीवन की जीने की बहतर जीवन के बेहतर समाधान ऐसे जिएँ : श्री चन्द्रप्रभ जीने की शैली और कला को उजागर करती विश्व-प्रसिद्ध पुस्तक। स्वस्थ, प्रसन्न और मधुर जीवन की राह दिखाने वाली प्रकाश-किरण। पुस्तक महल से भी प्रकाशित। पृष्ठ : 122, मूल्य 25/लक्ष्य बनाएँ, पुरुषार्थ जगाएँ : श्री चन्द्रप्रभ जीवन में वही जीतेंगे जिनके भीतर जीतने का पूरा विश्वास है। सफलता के शिखर तक पहुँचाने वाली प्यारी पुस्तक।पुस्तक महल से भी प्रकाशित। पृष्ठ : 104, मूल्य 25/बातें जीवन की, जीने की : श्री चन्द्रप्रभ युवा-पीढ़ी की समसामयिक समस्याओं पर अत्यंत तार्किक एवं मनोवैज्ञानिक मार्गदर्शन। एक लोकप्रिय पुस्तक। पृष्ठ : 90, मूल्य 25/बेहतर जीवन के बेहतर समाधान : श्री चन्द्रप्रभ जीवन की व्यावहारिक एवं आध्यात्मिक समस्याओं का समाधान देती एक लोकप्रिय पुस्तक। पृष्ठ : 130, मूल्य 25/वाह ज़िंदगी ! : श्री चन्द्रप्रभ सुखी और सफल जीवन जीने का रास्ता । जन-जन में लोकप्रिय एक चर्चित पुस्तक। पृष्ठ 120, मूल्य 25/क्या स्वाद है ज़िंदगी का : श्री ललितप्रभ जीवन के विभिन्न सार्थक और सकारात्मक पहलुओं को आत्मसात कराने वाली लोकप्रिय पुस्तक। पृष्ठ 146, मूल्य 25/जागो मेरे पार्थ : श्री चन्द्रप्रभ गीता की समय-सापेक्ष जीवन्त विवेचना। भारतीय जीवन-दृष्टि को उजागर करता प्रसिद्ध ग्रन्थ। garnaकाशात वाह! जिन्दगी दीवार क्या स्वाद है जिंदगीक जागा औरणार्या Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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