Book Title: Dhyan ka Vigyan
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 130
________________ ध्यानका विज्ञान ध्यानयोग पर समय मार्गदर्शन ध्यान उस हर इंसान के लिए से साक्षात्कार है। ध्यान के जरिए उपयोगी है जो अपने लिए मन की हमारे भीतर सहजता, शांति और शांति और आध्यात्मिक प्रकाश का आनंद का उदय होता चला जाता द्वार खोलना चाहता है। इंसान के है। महान जीवन-द्रष्टा पूज्य श्री सामने केवल मन और बुद्धि के ही चन्द्रप्रभ ने अपने इन दिव्य प्रवचनों द्वार खुले हुए हैं। इससे आगे के द्वार के द्वारा ध्यान की हर बारीकी पर उसके लिए बंद जैसे हैं। हृदय और रोशनी डाली है। उन्होंने स्वयं ने तो आत्मा के अतीन्द्रिय द्वारों की ओर ध्यान को आत्मसात किया ही है, तो उसकी नज़र ही नहीं है। डॉक्टर हज़ारों लोगों को भी ध्यान की केवल शरीर और दिमाग की शांति, शक्ति और सच्चाई से चिकित्सा कर सकता है। ध्यान के साक्षात्कार करवाया है। यह पुस्तक पास उन रोगों का भी समाधान है 'ध्यान का विज्ञान' आपके लिए जिसे हम अपनी भाषा में क्रोध, रोशनी डालने वाली टॉर्च का काम क्रूरता, चिंता, ईर्ष्या, लालसा, तनाव करेगी। यदि किसी इंसान के पास और वासना कहते हैं। ध्यान की रोशनी हो तो वह भला ध्यान वास्तव में स्वयं से अपने मन के अंधे गलियारों की साक्षात्कार है, स्वयं की सच्चाइयों कहाँ परवाह करेगा! SPIRITUAL BOOK Rs30 Lin Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary

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