Book Title: Dharmshiksha Prakaranam
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 141
________________ धर्मशिक्षा-प्रकरण सटीक å w दोषक्षय वस्तुदो सुरभि दोषक्षयं वस्तुदोग्ध्री सुरभि 'दितद्र्व्य नपुंसक करत्वनामा ज्ञस्य, rå or x & x mosoa axmor & w ñ ñ 'दित द्रव्य नपुसंक' करत्वंनामा ज्ञस्यः, द्वाभ्यां अधि' °श्चेति च पञ्च' मन्त्रो पठित गोरपत्य परदुखःरावणयोर्युद्ध °विरस प्लवो प्रवाह °विभीषिका सरम्भाश्च °स्यन्वर्थतो °व्यंजन °मेवैत्? योगा वशी बृहद्वद्त्तौ द्वाभ्याम् अधि' 'श्चेति पञ्च मन्त्रः पठित गोरपत्यं परदुःखरावणयोर्युद्धं °विरसं प्लव: प्रवाह °बिभीषिका संरम्भाश्च स्यान्वर्थतो 'व्यञ्जन' मेवैतत्? योगो वशी बृहद्वृत्तौ 卐卐卐卐y Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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