Book Title: Dharmik Vahivat Vichar
Author(s): Chandrashekharvijay
Publisher: Kamal Prakashan

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Page 311
________________ 290 धार्मिक-वहीवट विचार जब पूजारियोंको 'सर्वसाधारण' के फंड द्वारा वेतन दिये जाते हों, नूतन तपोवन (साबरमती)में निर्माण होनेवाले देरासरमें स्वद्रव्यका पूर्णतया उपयोग किया जानेवाला हो और गुरुपूजन. देवद्रव्यमें ही ले जानेका हो, तब मेरे उपर अनधिकृत-अंटसंट आक्षेप कर उसका गोबेल्स पद्धतिसे प्रचार करना, यह विपक्षके लिए कितना उचित है ? वे उसका शान्तचित्तसे विचार करेंगे ? ___जिनाज्ञा विरुद्ध कहीं भी कुछ भी लिखा गया हो तो, अंत:करणसे 'मिच्छामि दुक्कडम् का प्रार्थी हूँ। लेखन ता. 16-7-95 ,

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