Book Title: Dharmdoot 1950 Varsh 15 Ank 04
Author(s): Dharmrakshit Bhikshu Tripitakacharya
Publisher: Dharmalok Mahabodhi Sabha

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Page 27
________________ mahilth..m. h.dam.san.tth.ARTRAITHS An...cm.hum.2h. Aam.AMRITIN, ...tum.alla iPhatihdERS ELEThtihelina Rautha AENIMATED "धर्मदूत" का ...തം മമത. Othem . . "अखिल विश्व बौद्ध संस्कृति अंक" हम बुद्धाब्द २५०० (सन् १६५६ ) के शुभावसर पर "धर्मदूत" का एक सुन्दर और विशाल अंक प्रकाशित है करने का प्रायोजन कर रहे हैं, जिसमें विश्व के सभी देशों के बौद्धों का परिचय रहेगा। सब देशों के बौधों की कला, पुरातत्व, इतिहास, भेद, आचरण, वंश परम्परा, दार्शनिक-गवेषणा. प्राचीन और अर्वाचीन सभी प्रकार घकी अवस्था के वर्णन के साथ बौदध धर्म के पालि और संस्कृत के अतिरिक्त सर्व देशीय बौदधों की भाषाओं के ग्रन्थों का भी परिचय रहेगा। स्थविरवाद के साथ सभी निकायों के धार्मिक सम्बन्ध तथा दार्शनिक विशेषताओं की गवेषणात्मक व्याख्या रहेगी। यह अंक हरेक बौद्ध देशों के जातीय एवं धार्मिक चित्रों, रीति-रिवाजों एवं विभिन्न अन्वेषणात्मक बातों से परिपूर्ण रहेगा। हमारे ग्रन्थों में बुद्धाब्द २५०० का बड़ा महत्व वर्णित है। यही वह समय है जब से पुनः बौद्ध धर्म का बिगुल संसार में बड़े वेग से बजेगा और फिर एक बार सारा जगत बौद्ध धर्म की शरण आयेगा। अतः हमारा कर्त्तव्य है। कि हम इस अवसर पर अपना एक सुन्दर कार्यक्रम बनायें। उक्त कार्य के लिये हमें कम से कम एक लाख रुपये की अावश्यकता है। हम इस भव्य एवं पुनीत श्रायोजन की सफलता के लिये देशी तथा विदेशी (विशेष कर हिन्दी। भाषा-भाषी) धार्मिक संस्कृति-प्रेमी एवं दानी व्यक्तियों से निवेदन करते हैं कि वे मुक्तहस्त से हमारी सहायता करें। दाताओं का नाम 'धर्मदूत' में सदा प्रकाशित होता रहेगा। थोड़ी या बहुत जो भी रकम सहर्ष स्वीकार की जायेगी। निवेदकव्यवस्थापक-"धर्मदूत" . ... .... . . . ... INI הוי חיימזויים עשויישויושר יחוייעהזייתי "היישו"ע יגונוויימוויינט מצויייוייוויי יומווייאבחוייו!! יומווייוווייינהוי' ימימייתי שייוומויישי' יייייוחוייושי' יייייימייייי יוויימזייושי ישייייייי יייייייייי עיישישי 6 . . . . . . . . . . . मण्डल की ताजी पुस्तकें पठनीय, मननीय और संग्रहणीय १. पन्द्रह अगस्त के बाद-महात्मा गांधी के पन्द्रह अगस्त १९४७ से अन्तिम लेख तक का संग्रह। आजादी तथा उससे पैदा हुई समस्याओं पर सम्यक् • विचार । सुन्दर छपाई, कपड़े की जिल्द, पृष्ठ २४०, मूल्य २) २. धर्मनीति-जीवन नीति और उसके पालन सम्बन्धी नियम उपनियम का विवेचन करने वाली महात्मा गांधी की चार पुस्तकों का संग्रह। बढ़िया छपाई व कपड़े की जिल्द, मूल्य २) ३. बापू की कारावास-कहानी-लेखिका डा० सुशीला नैयर । आगाखाँ महल में बापू के बन्दी-जीवन के इक्कीस महीनों का हृदय-स्पी इतिहास २८ चित्र, सुन्दर छपाई, पृष्ठ ४८०, मूल्य १०) ४. सर्वोदय विचार-आचार्य विनोवा : सर्वोदय और उसके सिद्धान्तों का सूक्ष्म विश्लेषण, १।।) ५. पंचदशी-भारत के चिन्तकों और साहित्यकारों के पन्द्रह उच्चकोटिके निबन्धों का संग्रह, ११॥) मण्डल से प्रकाशित 'जीवन साहित्य' के ग्राहक बनने से ये तथा मण्डल की अन्य पुस्तकें आपको रियायती मूल्य में मिलेंगी। पत्र का वार्षिक मूल्य ४)। व्यवस्थापक-सस्ता साहित्य मण्डल नयी दिल्ली . . . . . . . . . . . It का पाouTD HD DEPT) DIUDP IDPHERDA II II ADIHED IDIHD DararaPED"

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