Book Title: Dharm Pravarttan Sara Granth
Author(s): Surchandbhai Swarupchand Shah
Publisher: Ratanchand Laghaji Shah

View full book text
Previous | Next

Page 344
________________ जुवे चेतंबरे पार्नु लीटी अशुद्ध | पार्नु लीटी अशुद्ध 259 1 जुए 292 3 काळ कार 259 5 समजाव्या समजाव्यां 294 4 जाण भाण 260 9 एभंगे अभंगे 295 18 ढाळनी आ ढाळनी 260 11 श्रीश्रद्धा श्रद्धा 297 3 दरशन दरशंन 260 17 नीरागी नारागी 297 4 प्रसन्न प्रसंन्न 263 18 तुंहीरुपीअरुपी तुंही रुपी नहीं 297 11 विघन / विघंन अरुपी . 298 6 चेतनरे 263 4 फरसे स्पर्से 298 18 ते वस्तुने ते वस्तुते 264 23 सडग खड़ग 298 23 कर्सग्रंये कर्मग्रंथ 265 6 दाखीये दाखीयो 300 12 अटारारे अटारोरे 266 2 चोथा चोथे 301 19 विसामोर विसामोरे 266 21 भेदभे दे 302 3 उपशमरे उपशंमरे 267 15 लेजोर लेजोरे 302 7 उपशमरे उपशंमरे 268 17 वंशरणायरो वंशरयणायरो 302 8 एकदमरे एकदंमरे 269 21 देख 303 5 सास्वादनकोइ लहेसास्वादनकोइ 270 2 जावोर जावोरे 303 8 कपठ होवे कपुर होवे 270 3 धारोर धारोरे 304 1 रतन्त्ररे रतंबरे 270 14 करीयेर करीयेरे 304 5 प्रणी०॥ 9 // प्राणी॥०॥९॥ 27. 16 जुए जुवे 304 20 हण्यारे हण्यारे 272 14 पूर्वकर्मसंबंधी पूरवकर्मसंबंधथी 305 21 मंत्र मंत्र 306 11 आशाता অয়না। 272 16 आवेर आवेरे 306 12 परभागे परभाग 272 17 भावेर भावेरे 308 16 पणे पणा 275 17 कीहांक्या कहोक्यां 310 14 चेतनरे चेतनरे 278 3 भावेर भावेरे 310 15 रतन रतन 280 4 मिथ्याखछे प्रमादछे 310 16 परवस्तुरे परवस्तरे 282 15 सोहीरे सोयरे 312 20 पेढी 284 18 वन०॥११॥ वने०॥११॥ 317 1 तेमची तेमयी 287 18 // 37 // गाथा // 37 // 317 4 नही। 289 23 लवुता लघुता 320 15 एहनेरे एहनेरेलोल पेटी तही Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 342 343 344