Book Title: Degradation of Ethical Environment 2000 11
Author(s): Madhav College Ujjain
Publisher: Madhav College Ujjain

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Page 38
________________ नैतिक पर्यावरण का हास === ========== डॉ. शकुन्तला सिन्हा, प्राध्यापक तै. नि. 8 शा. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, इन्दौर । नैतिक पर्यावरण से क्या तात्पर्य हैं 2 नैतिक नियमों से संचालित व्यक्ति का पारिवारिक एवं सामाजिक परिवेश । मनुष्य एक मनोभाविक प्राणी हैं। उसके संतुलित व्यक्तित्व हेतु मन और शरीर दोनों का सम्यक् एवं सामंजस्यपूर्ण होना आवश्यक हैं । हमारे कुछ नैतिक आदर्श हैं, नैतिक मूल हैं, जिन्हें हमने अपने जीवन में स्थापित कर रखा हैं । मनुष्य एक सामाजिक प्राणी भी हैं। समाज की प्रथम इकाई परिवार है । व्यक्ति और समाज के परस्पर संबंध को सुव्यवस्थित रूप में बनाये रखने के लिये हमने सामाजिक आदर्श और मूल स्थापित किये हैं । मनुष्य स्वभावतः स्वार्थी होता हैं, पर सामाजिक नियमों के अन्तर्गत उसे अपने स्वार्थ पर अंकुश लगाना पड़ता है । सामाजिक नियम उसके स्वार्थ को नियंत्रित करते हैं । उसे वहीं तक स्वतंत्रता प्राप्त हैं, जहाँ तक वह दूसरों की स्वतंत्रता में बाधक न हो। अगर सामाजिक नियम उसे नियंत्रित न करें, तो उसका व्यवहार उच्छृंखल भी हो सकता है । पर यदि उसके मानस पटल पर नैतिक आदर्शो " की स्थापना कर दी गई हो, तो ऐसा व्यक्ति विषम एवं प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी नैतिकता से च्युत नहीं होता । पर यह कैसे संभव हैं ? व्यक्ति के नैतिक पर्यावरण का निर्माण संस्कार के रूप में उसके मन पर अमिट छाप छोड़ जाता हैं । नैतिकता की प्रथम पाठशाला होता है उसका परिवार और उसकी माँ होती हैं प्रथम शिक्षक | इतिहास इस बात का साक्षी है कि महान पुरुषो के व्यक्तित्व निर्माण में उनकी माताओं की अहम् भूमिका रहीं हैं, अब इसके लिये आवश्यक है कि उनकी माता का व्यक्तित्व स्वयं भी नैतिकता के आदर्शों के अनुरूप दला हो । Jain Education International नैतिकता की कसौटी है संयम पवित्रता, सत्य के प्रति आस्था, प्रामाणिकता तथा प्राणी मात्र के प्रति सद्भावना | संयम के बिना नैतिकता संभव नहीं । नैतिक पर्यावरण का सम्बन्ध व्यक्ति के संस्कारों, नैतिक एवं सामाजिक नियमों एवं आदर्शों से है, जो एक नैतिक पर्यावरण का निर्माण करते है और इसे बनाये रखने का दायित्व व्यक्ति और समाज दोनों पर हैं । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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