Book Title: Dashvaikalika Uttaradhyayana
Author(s): Mangilalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 234
________________ उत्तराध्ययन भिक्षु WNN पृष्ठ अध्ययन पद्य अशुद्ध शुद्ध 63 1 28, 34 कट, नीचे कटु, नीचे से 64 1 44 बिनती बिनयी 2 6 भिक्ष 2 34 सोचे, क साचे करे 41 दान, लान दीन, लीन 69 2 54 झठ झठ 71 3 19 भोगों का भोगो को 745 1 यतिमान मतिमान 5 20 एक, अवश्य"""प्र एक एक, अवश्य प्राप्त 5 27 दीर्घायु व समृद्ध दोर्घायु समद्ध व 6 7 पात्र दन्त पात्रदत्त 78 6 16 अप्रमत्त रहे अप्रमत हो रहे 79 7 4 नर प्रायुष्य, कर सचय नरकाऽऽयुष्य, सचित कर 13 दुर्मते है, द्विविधि दुर्मति है, द्विविध 81 88 तीर्थकरो तीर्थकरो 828 18 अनेक चिन्ता अनेक चिता 9 1 उपशान्त वह उपशान्त 9 18, 21 बनाकर, ईष्या बनवाकर, ईया 9 46, 51 वसन कास्य, अभ्यदय वसन व कांस्य, अभ्युदय 11 1 भिक्ष भिक्षु 11 25, 26 मी, होता त्यो भी, होता है त्यो 94 12 5 व बाल वे बाल 95 12 19 वेत बंत 96 12 31, 36 होते है. दुन्दुभि होते, दुन्दुभी 98 13 12 है यत्न से प्रयत्न से 99 13 13. 19. 22 घर का, विकल, माता पिता घरका, विफल, मातपिता 102 14 13 दुख, सुख दुख, प्रकाम दुख सुख 103 14 34, 40 सर्प केचुली, त्राण भत सर्प केचु लो, त्राण भूत 104 14 42 सपेख सपेख ७००

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