Book Title: Dash Vaikalika Chulika
Author(s): Swayambhava, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 5
________________ श्रात्मान करीन प्यार कर्मका समाधिकरी निषेकपयास्यि आरम कार्य RE श्राकी सानियत घोडडमि माधुनापहवायोग्पच जीना जीएची वतन नेहनश्लाकमा दात ते वयमावत लवथ कुछ वागसंभाल मननकायानाव्यापार मंदि रूपात कम सदा जवानामक का यान्नाप्पामरवली एवं २४ अमेरिसाकोडिदियम्म भिमसरिस स्मनिजे समालोपटिबुडीची मोसीवाईमजीवि निरंतर पायसीकाराम राष्कोणामकर्मम निविचर्यानीबाजा सिजनद लिका संघर सयर स्कियो साहं दिए दिसादिहिं कसुर किसामु बेमिव विनयरालासमोना सिलव गणधर जनप्रतिमादेषी समान मनशिष्यपिताशे पाने मनकशिष्यनवदेशीन स्वादवासध्ययन वीथालुवेलाय गमनायक गएर डिएपडिमा गिडिनु सग पियरंद मका लियम निवेदे पञ्चमिनोग निश्चदिया या वेलियाठवि तिणिकार दिशने कालि, बमपिभ्यनरूपाचार्यमनकशि खमासनीपर्याय स्विकालगतहासमा धर्मरागरूपत्रादि धिमरणर च श्रीमुपाडि या तम्हादका लिया नाम दियं श्रयणं मित्रमागणं मामाय विधार्य टिकालगनसमा दिए ३ दमुपायंका करावास तिवारझनामा निवारिश्री गुरेकस अम्हासारीकत्रनारागनाथा रिनिविश्रवसारथिवर शिष्टछाकोभी कालको प्रतिनां १ सिलेसन र पांका भा कनामा ध्य दीक्षापालीनड ४ ही निवास दियेश असलयपुछा कदाथ वियराणा संधे ४ इतिदमवैया लिय सुय कंधीनम्तो संवत २०२० वर्षमा गमिरतु दिने तन्नि शुरवालोया प्रकट स्थानकथानिक सतनि अनेकार्य अनेरानो कार्य गुरुनैरि आहारमा विद्या मिशनच ननमिवामिकउयलनीयाक्स करमहारकर बीकर, चाल निमिन इछा मिळात कारो। चावमीया निम्मी दिया । ठयापडिला बंदराय निर्मित्रणा तह कार्यकम हरीश्मक अ १५ श्रद्ध पराइ १० सध्या दस विनिमाया (१

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