Book Title: Chintan ke Kshitij Par
Author(s): Buddhmalmuni
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 227
________________ मुनि बुद्धमल जन्म : वि सं० १९७७, आषाढ़ कृष्णा तृतीया, लीखवा निवास-स्थान : शादुलपुर (राजस्थान) दीक्षा : वि० सं० १९८८, कार्तिक शुक्ला द्वितीया, बीदासर अग्रगण्य : वि० सं० २०००, आषाढ़, भीनासर (राजस्थान) साहित्य-परामर्शक : वि० सं० २०१८, फाल्गुन कृष्णा दशमी, गंगाशहर (राजस्थान) निकाय-प्रमुख : वि० सं० २०३८, माघ शुक्ला सप्तमी, गंगाशहर (राजस्थान) संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी आदि अनेक भाषाओं के ज्ञाता, संस्कृत के प्रतिभासंपन्न आशुकवि प्रमुख कृतियां : मंथन, आवर्त, उणियारो (राजस्थानी काव्य), जागण रो हेलो (राजस्थानी गीत), उस पार, मन के दीप, आंखों ने कहा, श्रमण संस्कृति के अंचल में, तेरापंथ का इतिहास, अणुव्रत विचार दर्शन, मानवता का मार्ग, नींव के पत्थर, आचार्यश्री कालूगणी: एक परिचय, आचार्य तुलसी : जीवन दर्शन, तेरापंथ, प्रकाश के पदचिह्न, तेरापंथ के मंतव्य और वर्तमान लोक चिन्तन, भारतीय भाषाओं को जैन साहित्यकारों की देन आदि। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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