Book Title: Chintan Haim Sanskrit Shabda Rupkosh
Author(s): Haresh L Kubadiya
Publisher: Haresh L Kubadiya

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Page 47
________________ विशेषण (अकारान्त) चिन्तन हैम संस्कृत शब्दरूपकोश ४२ संग क्रम पाठ शब्द | अर्थ न/ण क्रम पाठ शब्द अर्थ 'अकारान्त विशेषण ||३२|३६ परिणीतपरोस १ २२ कुशल शण,शियार ३३ ३६ भृश અત્યંત, ઘણું २ २२ कृष्ण अणु न |३४|३६ मनोहर मनोहर, सुन्६२ ३ २२ पूज्य फूलनीय ५४वायोग्य |३५/३६ सतत उमेशi, निरंतर ४ २२ प्रभूत पुरणय न|३६ ३७ प्रणतरे નિમેલું ५ २२. शोभन साइ, सुंदर ३७३७ शीत २२ श्वेत સફેદ, ધોળું ३८ ३७ स्थिर स्थिर ७ २९ धनिक धनवान ३९/३८ अनित्य अनित्य ८ २९ सुप्त सुतदु |४० ३८ कर्तव्य ४२j, १२वा योग्य ९ ३० अलभ्य सम्य,नमक ४१३८ खन्न १०३२ असंख्येय संध्या विनान ४२३८ नित्य નિત્ય, હંમેશ ११३३ व्याधित शिजी, व्याधिवाणु ४३३८ शाश्वत शाश्वत,भेशन १२|३४ अनुरूप सरj,gx |ण|४४.३८ संनिहित पासे रहेही १३ ३४ उदार 6R ण|४५३८ सम સરખું १४३४ क्लान्त थापगये. ४६ ३८ समान तस्य १५ ३४ निःस्पृह स्पृहा वगरनुं ण | ४७ ३९ कृपण योभी १६|३४ निःस्वन |सवा४ वगरनुं ४८३९ खल ખરાબ, દુર્જન |१७|३४ विरक्त शवगर्नु |४९३९ जात ४न्भेल. | १८ |३५ आत्मीय पोतार्नु ५०३९ विपरीत | १९ ३५ कुलीन गवान् | ५१४० अशुभ અશુભ | २०३५ जैन જૈન, જૈન ધર્મ પાળનાર | ५२४० उद्गत ઉગેલ २१३५ दरिद्र દરિદ્ર ગરિબ | ५३४० दृष्ट જોવાયેલ २२ ३५ पक्व પાકેલું, પાકું ५४४० नष्ट નાશ પામેલ | २३ |३५ प्रिय प्रय, पहाडं |५५४० दूर દૂર, છેટે २४३५ भ्रष्ट ભ્રષ્ટ થયેલ ५६ | ४० पूजित પૂજાયેલ. २५ ३५ विफल गरनु, ना, ५७ ४० नीच નીચ, હલકું २६/३५ विशाल विशण, मोटुं ५८ ४० हत હિણાયેલ २७|३५ शक्य नीश ५९४१ कृत કરેલું २८३५ शरण श२१॥ ना६०४१ तप्त तपेj, गरम थये. | २९ ३६ उचित मथित, योग्य ६१४१ तीक्ष्ण તીખું, બારીક ३० ३६ परम श्रे6, 66 |६२४१ पथ्य હિતકારક | ३१/३६ प्रवीण शियार न|६३ | ४१ प्रसन्न पुशी ययेां न (परि+नी+त) २ (प्र+नम्+त)

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