Book Title: Chandrayan Vrat Katha
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Page 24
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ऐसेकोईस्वी प्रथयापुरुष एकाममनसें करेयास्त्री सुरवकेमानिहोनी है फिर वैधव्यताकभीनहीावै॥७॥ और स्त्रियनकूपरमसौभाग्यकादेनेवालाहै फिरपुत्रपौत्रके सुरबकादेनेवालाहैफिरअश्वमेघारिपुन्यकेदेनेवालाहै औरसबनतोंके फलकों देनेवाला है।॥औरयनकर्नेवालाजिसश्कामनाकीच्याक हैचोही कामनानि चैसिड नारीसुषमवापोनिनवैधयप्रजायने 17 सौभाग्यदंपरस्त्रीयांपुत्रपौत्रसुखपदंगिश्वमेधादि पुण्यंसर्ववतफलप्रदत्ययंसमीहतेकामपामोनिनिश्चितायइमापृणुयानित्यकथांपाप माशिनी चांद्रायपास्यराजेंदसोश्यफलमभुते॥ वक्तामोताचपापेभ्योमुच्यनेनात्रसंशयः 100 निश्रीहमाद्रीचाद्रायणव्रतकथासपूर्णम् // होजानी औरजोकोई पापोंकीनाशकर्नेवालीइसकथाकों श्रवणकरे। तिनकोंहेराजेंडनांडायणवतकाअक्षयफलको प्राप्त होयौरकथाकावताऔरश्रोनासब पापों सेंछूटजाने हैइसमेंसंदेहनही / / 900 // इनिश्रीयोरपुरीयऋषभदत्तशास्त्रिविरचिनाहेमादीचांद्रायानकथा भाषारोकासमाप्तिमगमत् // यह पुस्तक मुंबईमैप-धीधरशियालजीकैज्ञानसागरला या सं०१९४८ मार्गशीर्ष४५ For Private and Personal Use Only

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