Book Title: Chanakya nu Ek Dakshini Kathank
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: ZZ_Anusandhan

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ 78 अनुसंधान-२७ थवानुं विधान; 3. दिगम्बर मान्यता प्रमाणे तो चन्द्रगुप्ते पाछली वये दीक्षा लीधी हती अने ते पछी तेणे दक्षिणना कर्णाटकदेशना गोम्मटेश्वरना पहाड पर साधना करी हती, परंतु ते वात-मान्यतानो गंध सरखो पण, एक दक्षिणना जैनाचार्यनी कन्नड रचनामां पण नथी मळतो; आमां तो चन्द्रभुक्तने अकाल मृत्यु पामी जतो दर्शावेल छे !; आ बधी बाबतो क्यांक विसंगत तो क्यांक नवीन होवानुं मानी शकाय. अभ्यासुओने आमां रस जरूर पडशे एम मार्नु छु. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6