Book Title: Chaiyavandana Mahabhasam
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust
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माचारम्भः
विनिवारितं न सा वित्तकिरियाविरोहो विरिएण होइ हीणो fafaeमहाकहरओ विसमबहुले किरिया aftaarओ य
atitaerinary
मणियासिद्धी
बेयावचं जिणमिह - वेलाए विहाणेण य
वोच्छिन्ने मूलसुए स चित्तसमाहाणे संवच्छरचाउम्मासंविग्गा विहिरसिया संसारमहरसागरसंसारबकरे जं संसारसमुद्दाओ संसारसागराओ सिखर नियकिरिया सं सोक् ति पच संहिया व पवं चैव सकत्वएव इमिणा कमभासाबदो
...
संगमनामरमयमा संघसमावारमिमं .. संघ अयमत्रंतो संघाइमा व पुंजी - संघुरग्गा पाय... संगमरो जीवो संघ महानुभावो
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समयं किन्तु फु सचमिह बंदचाए
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मायावर्णानुक्रमणिका ।
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पृष्ठम्
बाबारम्भः
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सदिय सत्यता
१५६ | संजमविरुद्ध किये...
१३६
सत्तममहिमामितं सत्तमिया बहुवयणं
१५०
६५ | सत्तेव य कोडीओ
१३५ | सद्धा निओमिळासो
७९ | सन्तानो समुदाओ
१५३ | संती पसमो भन्नइ
१३९ सन्निहियं भावगुरु
१५२ |
सप्पं सयये जननी
Get defवरहिया
*
१४२ | सम्माबसुंदर वं ..
...
१४६
सम्भूवनागसद्द
१४८ | समइपवित्ती सम्बा
1 समणाण सावमाण व समणा महाणुभावा १३३ | समधिठपम्हलचे ं
५२
१३३ | संपज्जत मह एवं...
२४ संपुपवाई
१०. | संपुजबंदणविही ४९ संपुत्रा कोसा १४९ | संभवियाइं जम्हा
१५०
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सम्माचरणाइ बोही
१ | सम्मजिणवंदणं पुत्र
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१६१ सम्म मदि २४ | सम्मद्दिो संघो सम्ममवियारिक सम्माणो माणसपीसयमेव जओ सम्मं वयमेवामम्म सुरा
૬
१४१
२
१६१ | सम्बं सिद्धं जेसिं...
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सम्बत्व वि पनिहामं
८५ | सम्बप्पवायमूलं .
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१००
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छम्
२८
१३६
११५
११६
७५
६७
१०७
६५
१११
८७
१५६
१२४
२०
१४३
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४२
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१६१
३१
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१५४
४८
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५५
१३१
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