Book Title: Bisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Author(s): Mangilal Bhutodiya
Publisher: Prakrit Bharati Academy

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Page 459
________________ जैन - विभूतियाँ 431 4. श्री राजकुमार सेठी मापुर के श्री फूलचन्दजी सेठी के सुपुत्र श्री राजकुमार सेठी श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा की विभिन्न प्रवृत्तियों से जुड़े हैं। आप केन्द्रीय महासभा के उपाध्यक्ष हैं। आपने अपने पिताश्री की स्मृति में पैतृक ग्राम छबड़ा में चिकित्सालय का निर्माण कराया। तीर्थ क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार से सहयोग करने के लिए आप सदैव तत्पर रहते हैं। अपनी माताश्री की स्मृति में संस्थापित ग्रंथमाला में जिनधर्म विषयक 25 पुस्तकें प्रकाशित की हैं। 5. श्री महेन्द्रकुमार झूमरमल बछावत स्व. झूमरमलजी बछावत बड़े अध्यवसायी एवं मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। वे दक्षिण कोलकाता, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष एवं श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी विद्यालय सोसाईटी के मुख्य ट्रस्टी थे। चूरू नागरिक परिषद्, कोलकाता के अध्यक्ष एवं मित्र परिषद् के ट्रस्टी होने का भी श्रेय उन्हें प्राप्त था। जैन विश्वभारती लाडनूँ, ओसवाल नवयुवक समिति, कोलकाता आदि अनेक संस्थाएँ उनके सक्रिय सहयोग से लाभान्वित हुई। चूरू के प्रतिष्ठित बछावत परिवार के स्तम्भ मात्र 62 बसन्त ही देख पाए थे कि एक एक्सीडेंट में उनकी मृत्यु हो गई। उनके सुपुत्र श्री राजेन्द्र, सुरेन्द्र एवं महेन्द्र उनके आदर्शों की मशाल थामे हैं। 6. श्री केशरीचंद सेठिया बीकानेर के श्री जेठमलजी सेठिया के सुपुत्र श्री केशरीचन्दजी क्षेत्रिय, प्रादेशिक और राष्ट्रीय अनेक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। मद्रास जैन समाज को एक सूत्र में लाने का आपका प्रयास सराहनीय है। बीकानेर में श्री अगरचंद भैरोंदान सेठिया जैन पारमार्थिक संस्था के आप मंत्री पद पर वर्षों से कार्यरत हैं। भगवान महावीर अहिंसा प्रचारक संघ, मद्रास के आप मंत्री हैं। साथ ही स्थानक वासी साधु मार्गी जैन संघ के अध्यक्ष हैं। आप युग चिन्तामणी द्वारा सन् 2001 में 'समाजरत्न' उपाधि से अलंकृत हुए । 7. श्री बी. आर. बेगवानी जीवन के 61 वसन्त देख चुके । लाडनूँ (राजस्थान) निवासी श्री बी. आर. बेगवानी ने मैट्रीक की परीक्षा उपरान्त कोलकाता को अपना कार्यस्थल बनाया। एल.एल.बी. कोलकाता में ही पास की। सम्प्रति विभिन्न साहित्यिक एवं समाज हितकारी संस्थाओं एवं प्रवृत्तियों से जुड़े हैं।

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