Book Title: Bhav Bhavna Prakaranam Part 02
Author(s): Subodhchandra Nanalal Shah
Publisher: Gangabai Jain Charitable Trust Mumbai
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पृष्ठम पंक्तिः
अशुद्धम्
शुद्धम्
पृष्ठम् पंक्तिः
अशुद्धम्
शुद्धम्
वहह
३३८
२४० २४८ २६०
वहइ लोओ सव्वत्थ
निञ्चमेव अम्हा
३३९
देवीए.
२७३
मेनिच्चव अम्हा देवीर 'निव अइयस ससुद्रः
लाओ सव्वथ अयि° वयणं वितन्नो
३४४ ३५४ ३८७
अवि
निविट्ठ अइसय
२८५ २९६
066-6.63
°वणय विन्नत्तो
समुद्रः
३०२
भुयणो
भुवणो
टाई
हटा
४३९
पालि
पालि
४४१
अम्हहि अलियति आरभि विरमंति
अम्हे हिं अल्लियंति आभि विरमंदिन
३११ ३३८
४४२ ४७०
पण
पणु
सावजेहि
सावज्जेहिं
AATML.1
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॥४८३ ॥
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