Book Title: Bharatiya Rajniti Jain Puran Sahitya Sandarbh Me Author(s): Madhu Smitashreeji Publisher: Durgadevi Nahta Charity Trust View full book textPage 2
________________ अशोक कुमार नाहटा बीकानेर के सुप्रसिद्ध एवं धनाढ्य नाहटा परिवार में श्री अशोक कुमार नाहटा का जन्म २० सितम्बर, १६५७ को | हुआ था। इनके पिता श्री हरखचन्द जी तथा माता श्रीमती रूक्खमणि देवी नाहटा की आप द्वितीय संतान थे। आप | बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि तथा विशाल हृदय के थे। १६ वर्ष की अल्पायू से ही आपने पारम्परिक व्यापार की बागडोर | संभाल ली। अपने पिता श्री के कुशल निर्देशन में तथा । व्यवसायिक चातुर्य एवं कुशाग्र बुद्धि से आपने बहुत थोड़े समय में व्यापार-साम्राज्य का आशातीत विस्तार किया। आज तक लोग इनकी दानवीरता, विशाल हृदय, जिज्ञासु प्रवृत्ति, व्यावसायिक चातुर्य को नहीं भूल पाये हैं। लेकिन काल के क्रूर पंजों ने इस उदीयमान व्यक्तित्व को २३वर्ष की अल्पायु में ही २२ दिसम्बर १६८० को हमसे इन्हें छीन लिया। अपने कार्यों तथा उच्च आदर्शों के कारण आज भी इनका चरित्र एक अनुकरणीय उदाहरण है।Page Navigation
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