Book Title: Bhaktamar Stotram
Author(s): Gyanchand Jaini
Publisher: Digambar Jain Dharm Pustakalay

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Page 52
________________ 6. "हमारी जड़ी बूटियों के इलाज से स्त्री को जरूर गर्म रह जाता है ..... यह इलाज हम जंगल को जड़ी बूटियों से करते हैं हमारे इलाज से जकर ग रह जाता है जिसे इलाज करना हो हमसे हमारा इश्तिहार मंगा कर पदे... .... स्त्रियों के पगर (सफेद वीर्य गिरने) का इलाज '.. ' जिस स्त्री के बीस.वर्ष से भी सफेद वोयें गिरता हो हमारी जड़ी बूटियों : इलाज से विलकुल बंद हो जाता है जिसके कपडे. बंद हो गये हो हमारी जड़ी बूटिर ' के इलाज से कपड़े जारी हो कर हरमास बराबर होने लगते हैं । . . . पुरुषों के वीर्य की विमारियों का इलाज ......." . जिस पुरूष का वीर्य पानी समान भी पतला हो गया हो 'आतमाफ के जख हो पुराना सुजाक हो खून गंदा हो गया हो.ना मरद होंगया हो हमारे इलाज से बिक फुल नीरोग हो कर काया स्वर्ण समान हो जाती है ॥ . पुराने जखमों का इलाज । . . . जिन विमारों को डाक्टर यह कहें कि इसकी टांग या बांह चदून काटे इसके : जखम अच्छे नहीं हो सकते हमारी जड़ी बूटियों के मल्हम से वर्षों के सड़े जखम दूर फार काया नीरोग हो जाती है ।। ... ... ........... __ . फालिजका कामिल इलाज। ...... . जिसे फालिज मार गया हो अघडंग मार गई हो दांग बांह धंड मुडने. गया हो हमारी यूटियों के इलाज से मनुष्य बिलकुल तंदुरुस्त हो जाता है। .. ........ हम दवा नहीं बेचते.. :::: '..... हम दवा नहीं बेचते और न दवा, नेज सकते हैं जिले इलाज कराना हो हमें कुल '. कर इलाज करवावे हम हकीम है वाय पित्त कर्फ बीमार के मिजाज माफिक संद गरमी धतुरमाल मौसम के अनुसार सोच समझ कर इलाज करते हैं। . "..:.. हमारी फीस बहुत बड़ी है। .. .... - ..हम मामूली फीसपर इलाज करने नहीं जाते हमारो फीस हाथी जैसा पेट इन्। बदी है कि बड़े धनवान हो देखकते हैं जो हमको बुलाकर इलाज करवावे हमारा मुलाज लहितमानेजानेका किराया खरब दवा का दाम रोजाना रसोईवरचमीदेना पड़ा है। .. " हमारा पता:- हकीम “म हल्ला अनारकली नीला गुम्मज लाहोर - हकीम ज्ञानचंद्रजना

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