Book Title: Atmanand Prakash Pustak 015 Ank 07
Author(s): Jain Atmanand Sabha Bhavnagar
Publisher: Jain Atmanand Sabha Bhavnagar

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Page 29
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तैयार छ ! तैयार छे !! तैयार छे !!! दरेक श्रावके पोतानी पासे राखवीज जोश्ए. श्रावक कर्तव्य तथा विविध स्तवनादि समुच्चय आ पुस्तक बहार पाडवानो मुख्य उद्देश देरासरोमां दर्शन तथा पूजा निमित्ते थती अनेक आशातनाओ टाळवानो छे अने तेमां प्रातःस्मरणीय स्तोत्र, छंदो, दर्शनविधि, पूजाविधि, चैत्यवंदनो, थोयो, सझायो, लावणीउओ, नाटकना रागनां स्तवनो, नवस्मरण, शलोका, सामायिकविधि, पचक्खाणविधि, बार व्रतनी टीप, चौद नियम तथा श्रावकना आचार अने वर्तन विषे सारी समजुती आपवामां आवी छे. दरेक क्रिया हेतुपुरःसर समजाववानो श्रम कर्यो छे. आत्मचिंतवन क्रियाकर्म माटे श्रा ग्रंथनो संग्रह बहु उपयोगी छे. एकंदर आ पुस्तक प्रत्येक श्रावककुटुंबमा राखवा योग्य छे. पाकी सुंदर कपडाथी बाइडिंग करी ग्रंथने सुशोभित बनाव्यों छे. गुजराती अक्षरमां कि. १-८-० शास्त्री अक्षरमां कि. २-०-० ३.सा. पै. ३. सा.पै. न्यौह स्वन २७स्य यरित्र .... ०-२-० देवशारा भुणभाटा अक्षरे.... ०-५-० ત્રિષષ્ટિશલાકા પુરૂષ ચરિત્ર પર્વ स्थानवासीसाभाय प्रतिभ. ०-४-. १-२ .... .... ... .... २-४-० सहर ५ 3था .... २-४-० | रामरास..... .... .... ..१-८-० सहर पर्व ७था .... 3-०-० सरतेश्वर माहुली वृति .... २-८-. स१२ प १० मुं..... १-८-० पभान शना लाषांतर .... बन रामायण .... .... .... १-४-० पुल बह भाटी. ... .... २-०-० श्रीपाणी रास .... ... પચપ્રતિક્રમણ સુત્ર મૂળ મટા सभडित मुहिसाषांतर .... भक्षर.... .... .... ... ०.१२.० 66 For Private And Personal Use Only

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